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बिटकॉइन - एक रक्तहीन क्रांति
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M47AK16
on 07/05/2025, 05:16:37 UTC
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लेखक: GazetaBitcoin
प्राथमिक विषय: Bitcoin - a bloodless revolution




सभी क्रांतियाँ रक्तपात का संकेत देती हैं. यही कारण है कि क्रांति के झंडे हमेशा लाल होते हैं.

स्पार्टाकस के विद्रोह (71-71 ईसा पूर्व) से लेकर अमेरिकी क्रांति (1765-1783) तक; फ्रांसीसी क्रांति (1789-1799) से लेकर बुडापेस्ट से हंगेरियन क्रांति (1956) तक; प्राग (1968) से लेकर पुर्तगाल की कार्नेशन क्रांति (1974) तक; एमिलियानो ज़पाटा सलाज़ार के नेतृत्व वाली मैक्सिकन क्रांति (1910-1920) से लेकर माओ ज़ेडोंग द्वारा शुरू की गई महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रांति (1966) तक; निकारागुआ क्रांति ('60 और '70 के दशक) से लेकर 1989 की रोमानियाई क्रांति तक—और यह सूची आगे बढ़ती जाती है. सभी क्रांतियों ने रक्तपात देखा. उनके नेताओं ने अपने उद्देश्यों के लिए संघर्ष किया, लेकिन कोई भी कभी भी एक रक्तहीन क्रांति को सफलतापूर्वक अंजाम नहीं दे सका.

जब तक सातोशी नाकामोटो नहीं आए.

सातोशी ने कभी क्रांति के नेता बनने का इरादा नहीं किया, फिर भी उनकी रचना -- बिटकॉइन -- ने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया. इसने सत्ता को अभिजात वर्ग के हाथों से लेकर जनता को वापस सौंप दिया. लोग अपने पैसे को नियंत्रित करने में सक्षम होने लगे, बिना इस मजबूरी के कि उन्हें किसी तीसरे पक्ष को शामिल करना पड़े. बिटकॉइन ने बिचौलियों को समाप्त कर दिया और उन लोगों के लिए सरकारों और बैंकों को अप्रासंगिक बना दिया जो बिटकॉइन पर निर्भर थे. इसने पारंपरिक वित्तीय प्रणाली को बाधित किया और एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया: इलेक्ट्रॉनिक नकदी का एक पूरी तरह से पीयर-टू-पीयर संस्करण, जो वित्तीय संस्थानों के बिना एक पक्ष से दूसरे पक्ष को सीधे ऑनलाइन भुगतान भेजने की अनुमति देगा। बिटकॉइन इतिहास की पहली रक्तहीन क्रांति है.

बिटकॉइन के अस्तित्व में आने के लिए किसी को मरने की जरूरत नहीं पड़ी. बिटकॉइन क्रांति में न कोई हिंसा थी, न कोई नरसंहार, और न ही वे भयावह घटनाएँ जो आमतौर पर क्रांतियों में होती हैं. इसके बजाय, इसने भूख से तड़प रहे और गरीब लोगों को जीने और अपने जीवन के लिए संघर्ष करने का अवसर दिया. इसने दुनिया भर के लोगों को आपस में जोड़ने में मदद की. और कोई भी राजनीतिक नेता बिटकॉइन को बंद नहीं कर सकता. क्रांति अब 10 वर्षों से भी अधिक समय से जारी है. और हर दिन, इसे नए समर्थक मिलते जा रहे हैं.

मैंने कई बार खुद से पूछा कि बिटकॉइन ने यह रक्तहीन क्रांति कैसे चलाई. और कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि, किसी न किसी तरह, बिटकॉइन क्रांति ने सॉल एलिंस्की के नियमों का अनुसरण किया. एलिंस्की एक अमेरिकी कार्यकर्ता थे और उन्होंने सफल क्रांति के नियमों को लिखा था। और अगर गौर करें, तो उनके किसी भी नियम में हिंसा का कोई उल्लेख नहीं है.

नियम 1: शक्ति केवल वही नहीं है जो आपके पास है, बल्कि वह भी है जो आपका विरोधी समझता है कि आपके पास है. -- जब से बिटकॉइन अस्तित्व में आया, सरकारों, बैंकों और अन्य अभिजात वर्गों में इसे लेकर भय पैदा हो गया. उन्हें लगा कि वे अपनी वह अपार शक्ति खो सकते हैं, जो उनके पास सदियों से थी। उन्होंने बिटकॉइन को एक विशाल दुश्मन के रूप में देखना शुरू कर दिया, जबकि वह तो सिर्फ अपनी शुरुआत के दिनों में था.

नियम 2: जहाँ भी संभव हो, अपने विरोधी के अनुभव के दायरे से बाहर जाओ. इससे उसे भ्रम, डर और पीछे हटने की स्थिति में लाया जा सकता है, क्योंकि वह इस नए तरीके से लड़ना नहीं जानता. -- अभिजात वर्ग ने कभी नहीं सोचा था कि वे अपनी सत्ता नागरिकों पर से खो सकते हैं. आखिरकार, सरकारें और बैंक हजारों वर्षों से लोगों का शोषण कर रहे हैं। लेकिन जब बिटकॉइन आया, और उसके साथ आया पीयर-टू-पीयर वित्तीय लेन-देन का नया दृष्टिकोण, जिसे टंबलर और कॉइन-जॉइन जैसी तकनीकों से और अधिक गोपनीय बनाया जा सकता था, तो सभी शोषक भ्रमित हो गए. इसके बाद जो उन्होंने महसूस किया, वह था डर. उन्हें नहीं पता था कि बिटकॉइन से कैसे लड़ा जाए. और एक दशक से भी अधिक समय से, इसे खत्म करने के उनके सभी प्रयास असफल रहे हैं.

नियम 3: अपने विरोधियों को उनके खुद के नियमों का पालन करने पर मजबूर करो. -- बिटकॉइन ने अभिजात वर्ग के खिलाफ उन्हीं की शक्तियों से लड़ाई लड़ी. जिस तरह अभिजात वर्ग ने सदियों तक लोगों को उनके वित्तीय नियंत्रण से वंचित रखा, ठीक वैसे ही बिटकॉइन ने किया बस फर्क इतना था कि इस बार इसने लोगों को उनकी खुद की वित्तीय शक्ति वापस दे दी.

नियम 4: उपहास (व्यंग्य) मनुष्य का सबसे प्रभावशाली हथियार है. इसे जवाब देना कठिन होता है, और यह विरोधी को उकसाकर ऐसी प्रतिक्रिया देने पर मजबूर कर देता है जो अंततः तुम्हारे फायदे में होती है. -- सरकारें हमेशा यह जानना चाहती थीं कि हर नागरिक के पास कितना पैसा है और वह इसे कैसे खर्च करता है. लेकिन सातोशी ने बिटकॉइन को इस तरह बनाया कि उसने राज्य की इस लालच को मज़ाक का विषय बना दिया. बिटकॉइन की सभी लेन-देन ब्लॉकचेन पर देखी जा सकती हैं, जो सार्वजनिक है. लेकिन भेजने और प्राप्त करने वालों के पते केवल अल्फ़ान्यूमेरिक अक्षरों की एक स्ट्रिंग होती है कोई नाम नहीं, कोई उपनाम नहीं, कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं (बशर्ते उपयोगकर्ताओं ने अपने डेटा को केंद्रीकृत एक्सचेंज जैसी किसी तीसरी पार्टी के साथ साझा न किया हो). सातोशी की यह रचना जैसे राज्य को चिढ़ाती है: "क्या तुम जानना चाहते हो कि मेरे पास कितना पैसा है? लो, देख लो। क्या तुम मेरी सभी लेन-देन देखना चाहते हो? वह भी देख सकते हो. मैंने सबकुछ सार्वजनिक कर दिया, तुम्हारी आँखों के सामने. लेकिन जो तुम नहीं जानते, वह यह है कि मैं कौन हूँ".

नियम 5: जो रणनीति बहुत अधिक समय तक खिंचती है, वह उबाऊ हो जाती है. प्रतिबद्धता एक रस्म की तरह लगने लगती है और लोग अन्य मुद्दों की ओर ध्यान देने लगते हैं. -- इसलिए बदलाव ज़रूरी होते हैं, भले ही छोटे ही क्यों न हों. पिछले दशक में बिटकॉइन कई बदलावों से गुजरा है. SegWit से लेकर bech32 तक, और Taproot से लेकर विभिन्न BIPs तक, बिटकॉइन समय के साथ बदला और विकसित हुआ.

नियम 6: दबाव बनाए रखो। विभिन्न रणनीतियों और कार्रवाइयों का उपयोग करो और समय की सभी घटनाओं को अपने उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करो. "किसी भी रणनीति का मूल सिद्धांत ऐसी योजनाएँ विकसित करना है जो विपक्ष पर लगातार दबाव बनाए रखें. यही वह चीज़ है जो विपक्ष को तुम्हारे लाभ के अनुसार प्रतिक्रिया देने पर मजबूर कर देगी." -- जब से बिटकॉइन अस्तित्व में आया, सरकारों और बैंकों ने एक लगातार बढ़ते दबाव को महसूस करना शुरू कर दिया. वित्तीय संकट के कई दौरों में लोगों ने बिटकॉइन का सहारा लिया. और जितनी अधिक ऐसी भयावह घटनाएँ हुईं, उतने ही अधिक लोगों ने बिटकॉइन को अपनाया, जिससे सरकारों पर और भी अधिक दबाव बढ़ गया. उन्हें यह अहसास होने लगा कि नियंत्रण की शक्ति उनके हाथों से फिसल रही है और लोग खुद को व्यवस्थित करने में सक्षम हो रहे हैं बिना राज्य, बैंकों या अन्य मध्यस्थों के हस्तक्षेप के.

नियम 7: लक्ष्य चुनो, उसे स्थिर करो, उसे व्यक्तिगत बनाओ और उसे ध्रुवीकृत करो. -- बिटकॉइन ने अपने लक्ष्य अपनी उत्पत्ति से पहले ही चुन लिए थे: मौजूदा वित्तीय प्रणाली, बिचौलिए, सरकारें और बैंक. इसकी मंशा बहुत ही सूक्ष्म तरीके से इसके उत्पत्ति ब्लॉक (Genesis Block) में दिखाई गई थी, जिसमें यह संदेश छिपा था: Chancellor on brink of second bailout for banks (अर्थात, "चांसलर बैंकों के लिए दूसरे बेलआउट के कगार पर है").

हमारे पास अभी कई साल हैं जीने के लिए, और हमारे बच्चों व पोते-पोतियों के पास भी. लेकिन मुझे नहीं पता कि हम भविष्य में कभी फिर से किसी रक्तहीन क्रांति को देख पाएँगे या नहीं...




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